छोटी सी लव स्टोरी। लेकिन ढेरों ट्विस्ट। इजहार,तकरार,इनकार और इकरार। आगे क्या होगा? हरियाणा के पूर्व उप मुख्य़मंत्री चंद्रमोहन उर्फ चांद मोहम्मद अपनी दूसरी बीवी अनुराधा बाली उर्फ फिजा के कदमों में यूं ही बिछे रहेंगे? या फिर कुछ फिर से कुछ दिन बाद फिजा को तलाक देने का एलान कर देंगे। यह सवाल तब भी उठा था, जब उप मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने हरियाणा की अतिरिक्त महाधिवक्ता अनुराधा बाली से ब्याह रचाया था। तब भी यह बात उन लोगों के गले के नीचे नहीं उतरी थी, जो दोनों के स्वभाव से अच्छी तरह परिचित थे। इसीलिए जब चंद्रमोहन दो महीना बीतने से पहले ही अनुराधा को छोड़ कर चले गए तो लोगों को इसमें जरा भी आश्चर्य नहीं हुआ था। तब सबने यही कहा था कि यह तो होना ही था। दरअसल, दोनों को करीब से जानने वालों का दावा है कि दोनों के बीच में प्यार हो न हो, पर भरोसा कतई नहीं है। यह बात तब सच साबित हो गई, जब चांद अपनी फिजा को छोड़कर चले गए। तब फिजा ने उन पर तमाम तरह के लांछन लगाते हुए चंद्रमोहन के सालों पुराने एसएमएस और प्रेम पत्र सार्वजनिक कर दिए। जाहिर है कि कहीं न कहीं उनके मन में आशंका जरूर रही होगी तभी तो उन्होंने उसे सहेजा कर रखा था। दूसरी तरफ चंद्रमोहन को भी यह जानते हुए भी इससे उप मुख्यमंत्री का पद चला जाएगा, उनसे ब्याह रचाने की कौन सी जल्दी पड़ी थी। और जब ब्याह कर ही लिया, धर्म छूट गया, परिवार छूट गया, पद चला गया तो छोड़ क्यों दिया। छोड़ ही नहीं दिया, तमाम सारे आरोप भी लगा दिए। दरअसल, इन सारे सवाल के जवाब उनके लिए बहुत आसान हैं, जो दोनों से जुड़े रहे हैं। चंद्रमोहन जहां एक उच्छृंखल युवराज की तरह हैं, वहीं अनुराधा बेहद मह्त्वाकांक्षी। अनुराधा को लगा कि उनकी मह्त्वाकांक्षा बजरिए चंद्रमोहन पूरी हो सकती है तो चंद्रमोहन को लगा कि अनुराधा उनके मतलब की चीज हैं। दोनों एक दूसरे के कई साल करीब रहे। अनुराधा अधिवक्ता थीं। सो उन्होंने चंद्रमोहन और अपनी अंतरंगता के कुछ सुबूत भी तैयार कर लिए। वह शराब के बाद चंद्रमोहन की दूसरी सबसे बड़ी कमजोरी बन गईं। लेकिन जब चंद्रमोहन को लगा कि कहीं अनुराधा के पास सुरक्षित सुबूत उनके लिए खतरा न बन जाएं तो उन्होंने अनुराधा से ब्याह का प्रस्ताव रख दिया। यहां अनुराधा अपनी नारी सुलभ कोमलता के कारण मात खा गईं और दोनों ने मजहब बदल कर शादी कर ली। तब उन्होंने यह नहीं सोचा कि इस्लाम में तलाक सबसे ज्यादा आसान है। शादी के बाद उनके सुबूत बेमायने हो जाएंगे। और चंद्रमोहन जब चाहेंगे तलाक देकर फि्र अपने घर वापस लौट जाएंगे। हुआ भी वही। पर चंद्रमोहन एक चूक कर गए। अनुराधा के घऱ से निकलने के बाद जब वह विदेश गए तो चंद्रमोहन के नाम वाले पासपोर्ट पर ही। अनुराधा ने इसकी शिकायत कर दी। इसमें चंद्रमोहन सजा पा सकते हैं। कोई ताज्जुब नहीं कि अनुराधा पैरवी करतीं तो सजा भी हो जाती। फिर चुनाव लड़ने भी लायक नहीं रहते। सो, एक हफ्ते पहले तक फिजा को जिंदगी का काला अध्याय बताने वाले चंद्रमोहन रविवार 14 जून को सुबह फिजा के घर पहुंच गए। उनसे बेपनाह मोहब्बत का दावा करते हुए माफी मांगने लगे। रात नौ बजे बालकनी में उन्हें बाहों में लिए हुए यह एलान करते नजर आए कि फिजा ने हमें माफ कर दिया है। हालांकि अनुराधा ने माफी की बात पर तो हामी भरी पर यह भी साफ कर दिया कि अपनी शिकायतों को बगैर सोचे-विचारे वापस नहीं लेंगी। वैसे भी अनुराधा ने चंद्रमोहन के छोड़ जाने के बाद भी यही कहा था कि चांद उन्हें छोड़ कर नहीं जा सकते। उनके भाई कुलदीप ने उनका अपहरण कराया है। चंद्रमोहन ने अनुराधा के पास लौटने के बाद इसे स्वीकार भी किया। यह बात अलग है कि पहले उन्होंने कहा था वह बच्चे नहीं हैं कि कोई उनका अपहरण कर ले। बहरहाल, यह सब पुरानी बाते हैं। हम तो यही दुआ करेंगे फिजा ताजिंदगी चांद से रोशन होती रहें। वैसे भी चांद ने उन्हें छोड़ा था। उन्होंने नहीं। तभी तो मलेशिया जाने के लिए अपना पासपोर्ट बनवाया तो अपना नाम फिजा और पति का नाम चांद मोहम्मद लिखवाया। चंद्रमोहन के चले जाने के बाद मीडिया के जरिए जो ख्याति और सहानुभूति उन्हें मिली,वह उसे भुनाने से भी नहीं चूकीं। फिल्मों में काम करने के आफऱ तक मिले। टीवी के एक रियलिटी शो में ही भाग लेने मलेशिया जा रही हैं। अब क्या? अब तो दोनों हाथ में लड्डू है। चांद भी मिल गया और ख्याति भी। लेकिन चंद्रमोहन न घर के रहे न घाट के। फिजा अब उन पर भरोसा करेंगी नहीं और अब तो घर वापसी की भी सारी संभावनाएं खत्म हो गईं।
सोमवार, 22 जून 2009
छोटी सी लव स्टोरी में कई ट्विस्ट
छोटी सी लव स्टोरी। लेकिन ढेरों ट्विस्ट। इजहार,तकरार,इनकार और इकरार। आगे क्या होगा? हरियाणा के पूर्व उप मुख्य़मंत्री चंद्रमोहन उर्फ चांद मोहम्मद अपनी दूसरी बीवी अनुराधा बाली उर्फ फिजा के कदमों में यूं ही बिछे रहेंगे? या फिर कुछ फिर से कुछ दिन बाद फिजा को तलाक देने का एलान कर देंगे। यह सवाल तब भी उठा था, जब उप मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने हरियाणा की अतिरिक्त महाधिवक्ता अनुराधा बाली से ब्याह रचाया था। तब भी यह बात उन लोगों के गले के नीचे नहीं उतरी थी, जो दोनों के स्वभाव से अच्छी तरह परिचित थे। इसीलिए जब चंद्रमोहन दो महीना बीतने से पहले ही अनुराधा को छोड़ कर चले गए तो लोगों को इसमें जरा भी आश्चर्य नहीं हुआ था। तब सबने यही कहा था कि यह तो होना ही था। दरअसल, दोनों को करीब से जानने वालों का दावा है कि दोनों के बीच में प्यार हो न हो, पर भरोसा कतई नहीं है। यह बात तब सच साबित हो गई, जब चांद अपनी फिजा को छोड़कर चले गए। तब फिजा ने उन पर तमाम तरह के लांछन लगाते हुए चंद्रमोहन के सालों पुराने एसएमएस और प्रेम पत्र सार्वजनिक कर दिए। जाहिर है कि कहीं न कहीं उनके मन में आशंका जरूर रही होगी तभी तो उन्होंने उसे सहेजा कर रखा था। दूसरी तरफ चंद्रमोहन को भी यह जानते हुए भी इससे उप मुख्यमंत्री का पद चला जाएगा, उनसे ब्याह रचाने की कौन सी जल्दी पड़ी थी। और जब ब्याह कर ही लिया, धर्म छूट गया, परिवार छूट गया, पद चला गया तो छोड़ क्यों दिया। छोड़ ही नहीं दिया, तमाम सारे आरोप भी लगा दिए। दरअसल, इन सारे सवाल के जवाब उनके लिए बहुत आसान हैं, जो दोनों से जुड़े रहे हैं। चंद्रमोहन जहां एक उच्छृंखल युवराज की तरह हैं, वहीं अनुराधा बेहद मह्त्वाकांक्षी। अनुराधा को लगा कि उनकी मह्त्वाकांक्षा बजरिए चंद्रमोहन पूरी हो सकती है तो चंद्रमोहन को लगा कि अनुराधा उनके मतलब की चीज हैं। दोनों एक दूसरे के कई साल करीब रहे। अनुराधा अधिवक्ता थीं। सो उन्होंने चंद्रमोहन और अपनी अंतरंगता के कुछ सुबूत भी तैयार कर लिए। वह शराब के बाद चंद्रमोहन की दूसरी सबसे बड़ी कमजोरी बन गईं। लेकिन जब चंद्रमोहन को लगा कि कहीं अनुराधा के पास सुरक्षित सुबूत उनके लिए खतरा न बन जाएं तो उन्होंने अनुराधा से ब्याह का प्रस्ताव रख दिया। यहां अनुराधा अपनी नारी सुलभ कोमलता के कारण मात खा गईं और दोनों ने मजहब बदल कर शादी कर ली। तब उन्होंने यह नहीं सोचा कि इस्लाम में तलाक सबसे ज्यादा आसान है। शादी के बाद उनके सुबूत बेमायने हो जाएंगे। और चंद्रमोहन जब चाहेंगे तलाक देकर फि्र अपने घर वापस लौट जाएंगे। हुआ भी वही। पर चंद्रमोहन एक चूक कर गए। अनुराधा के घऱ से निकलने के बाद जब वह विदेश गए तो चंद्रमोहन के नाम वाले पासपोर्ट पर ही। अनुराधा ने इसकी शिकायत कर दी। इसमें चंद्रमोहन सजा पा सकते हैं। कोई ताज्जुब नहीं कि अनुराधा पैरवी करतीं तो सजा भी हो जाती। फिर चुनाव लड़ने भी लायक नहीं रहते। सो, एक हफ्ते पहले तक फिजा को जिंदगी का काला अध्याय बताने वाले चंद्रमोहन रविवार 14 जून को सुबह फिजा के घर पहुंच गए। उनसे बेपनाह मोहब्बत का दावा करते हुए माफी मांगने लगे। रात नौ बजे बालकनी में उन्हें बाहों में लिए हुए यह एलान करते नजर आए कि फिजा ने हमें माफ कर दिया है। हालांकि अनुराधा ने माफी की बात पर तो हामी भरी पर यह भी साफ कर दिया कि अपनी शिकायतों को बगैर सोचे-विचारे वापस नहीं लेंगी। वैसे भी अनुराधा ने चंद्रमोहन के छोड़ जाने के बाद भी यही कहा था कि चांद उन्हें छोड़ कर नहीं जा सकते। उनके भाई कुलदीप ने उनका अपहरण कराया है। चंद्रमोहन ने अनुराधा के पास लौटने के बाद इसे स्वीकार भी किया। यह बात अलग है कि पहले उन्होंने कहा था वह बच्चे नहीं हैं कि कोई उनका अपहरण कर ले। बहरहाल, यह सब पुरानी बाते हैं। हम तो यही दुआ करेंगे फिजा ताजिंदगी चांद से रोशन होती रहें। वैसे भी चांद ने उन्हें छोड़ा था। उन्होंने नहीं। तभी तो मलेशिया जाने के लिए अपना पासपोर्ट बनवाया तो अपना नाम फिजा और पति का नाम चांद मोहम्मद लिखवाया। चंद्रमोहन के चले जाने के बाद मीडिया के जरिए जो ख्याति और सहानुभूति उन्हें मिली,वह उसे भुनाने से भी नहीं चूकीं। फिल्मों में काम करने के आफऱ तक मिले। टीवी के एक रियलिटी शो में ही भाग लेने मलेशिया जा रही हैं। अब क्या? अब तो दोनों हाथ में लड्डू है। चांद भी मिल गया और ख्याति भी। लेकिन चंद्रमोहन न घर के रहे न घाट के। फिजा अब उन पर भरोसा करेंगी नहीं और अब तो घर वापसी की भी सारी संभावनाएं खत्म हो गईं।
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2 टिप्पणियां:
कुछ पढ़ ही नहीं पा रहे हैं, ट्विस्ट ही ट्विस्ट हैं फॉण्ट में. :)
mere computer mein is matter ka font nahi show ho raha hai. lekin aandaza lagaya hai fiza ko nihar kar aaye ho. laptop kharidane par badhai.
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