रविवार, 23 अक्तूबर 2011

दीपावली आई

दीपावली आई है। आप को बधाई है। मुस्कराइए क्योंकि मतदाता महान है। भाजपा-हजकां के चेहरे पर मुस्कान है। इनेलो आशावान है। कांग्रेस हलकान है। ट्रैकटर चल गया है, हाथ कुचल गया है,चश्मे का नंबर बदल गया है। हिसार में हार ने कर दिया बीके हरिप्रसाद का स्वाद खराब है तो चौटाला के चेहरे की चमक लाजवाब है। कुलदीप को मिल गया खुशियों वाले कमल का तालाब है। क्या हुआ जो किसान बदहाल हैं। कोई नहीं उनका पुरसाहाल है। बाजार से गायब डीएपी है। बढ़ रहा उनका बीपी है। धान की गिरती कीमतों ने कर दिया बदहाल है। लेकिन इन मुद्दों पर नहीं उठता सवाल है। क्योंकि टीम अन्ना को लेकर हो रहा बवाल है। अपने केजरीवाल पर कहीं चप्पल तो कहीं शब्दबाणों के प्रहार हैं। वाटरमैन राजेंद्र सिंह कर रहे आरोपों की बौछार हैं तो अग्निवेश भी बदला लेने के लिए बेकरार हैं। लेकिन कर नहीं पा रहे केजरीवाल को हलाल हैं क्योंकि म्हारे हरियाणा के छोरे के पास ईमानदारी की ढाल है। हम भी उसके साथ हैं लेकिन आजकल तंग जरा हाथ हैं। सो,आप का गिफ्ट वाला डिब्बा जरूरी है। हमने दिला दी आपके प्रोजेक्ट को मंजूरी है। इसका ध्यान रखिएगा भाई। बाजार में बिक रही नकली मिठाई। इसलिए डिब्बे में हो सिर्फ ऊपर की कमाई। वह डिब्बा होगा तुम्हारी खुशियों की चाभी। शाम को इंतजार करेंगी तुम्हारी भाभी। लेकिन डिब्बा उन्हें तभी देना। जब आसपास नजर दौड़ा लेना। वरना दीवाली काली हो जाएगी लाले। अगर कहीं इधर-उधर छिपे हुए विजिलेंस वाले।

1 टिप्पणी:

रवि धवन ने कहा…

बहुत बढिय़ा सर।
शुक्र है कि आपको अपने ब्लाग की सुध आई। महीनों से सुनसान पड़े ब्लाग पर रंगत आई है। दीवाली से पहले पटाखे फोड़ती पोस्ट है।