शुक्रवार, 6 जून 2008

जो लबालब गिलास वाले हैं

अलग रहें जो लबालब गिलास वाले हैं
हमारे साथ तो मुद्दत से प्यास वाले हैं
अजीब शहर है लोग प्यार करने वाले
हैं मगर सभी ने लिबासों मे नाग पाले हैं

मैं अपने लहू के धब्बे कहाँ तलाश करूँ
तमाम लोग मुक़द्दस लिबास वाले हैं

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