रविवार, 5 जुलाई 2009
सुल्तानपुर के एक राज परिवार के वंशज हैं बिग बी
आप इसे मेरी एक नई पोस्ट समझ सकते हैं। लेकिन ऐसा है नहीं। दरअसल यह टिप्पणी है, जो मैने सहस्राब्दि के महानायक अमिताभ बच्चन के ब्लाग पर की है। उन्हें उनके पूर्वजों के संबंध में जानकारी देने के लिए।शायद ही किसी को मालूम हो कि बिग बी तेरहवीं शताब्दी में अवध के सुलतानपुर जिले के शासक रहे राय जगत सिहं कायस्थ के वंशज हैं। यह प्रामाणिक ऐतिहासिक तथ्य है। मैं खुद सुलतानपुर का रहने वाला हूं। इसलिए यह बात पूरे दावे के साथ कह सकता हूं। सुलतानपुर जिले के गजेटियर और बिग बी के पिता हिंदी के महान कवि स्वर्गीय हरिवंश राय बच्चन की अमर कृति मधुशाला में उनकी स्वलिखित भूमिका इस तथ्य की पुष्टि करते हैं। बतौर न्यूज स्टोरी हिंदी के दो बड़े अखबारों में इस संबंध में मेरी बाइलाइन रिपोर्ट काफी पहले छप चुकी हैं। बिग बी यानि अमिताभ बच्चन के पिता हिंदी के महान कवि का पैतृक गांव उत्तरप्रदेश के अवध इलाके के जिले प्रतापगढ़ के बाबू पट्टी गांव में पड़ता है। प्रतापगढ़ जनपद सुल्तानपुर से मिला हुआ है और बाबूपट्टी के कुछ किमी की दूरी के बाद ही सुलतानपुर जिले की सीमा शुरू हो जाती है। राय जगत सिहं के वंशज बस्ती,सुल्तानपुर और प्रतापगढ़ में अमोढ़ा के पांडे कायस्थ के नाम से जाने जाते हैं। सुल्तानपुर गजेटियर के मुताबिक तेरहवीं शताब्दी में सुल्तानपुर के शासक राय जगत सिहं कायस्थ थे। उस समय अवध और आसपास के जनपदों के शासक दिल्ली सल्तनत के अधीन थे। उस समय बस्ती जिले में एक रियासत थी अमोढ़ा। वहां के शासक एक पांडे जी थे। उनके कोई पुत्र नहीं था। एक कन्या थी, जो अत्यंत रूपवती थी। उधर गोरखपुर जनपद का शासक एक डोम था। उसने अमोढ़ा के पंडित जी संदेश भेजा कि वह उनकी कन्या से विवाह करेगा और तिथि निश्चित करते हुए बताया कि उस दिन बारात लेकर आएगा। पंडित जी की रियासत छोटी थी। डोम शासक की रियासत काफी बड़ी थी। वह काफी शक्ति संपन्न था। पंडित जी उसकी सेना से मुकाबला करते तो निश्चित रूप से हार जाते। काफी सोच विचार के बाद पंडित जी ने सुल्तानपुर के शासक राय जगतसिंह कायस्थ को अपनी व्यथा लिख भेजी। जगत सिहं ने उन्हें संदेश दिया कि डोम राजा को बारात लेकर आने दीजिए। उससे मैं निपट लूंगा। डोम राजा निश्चित तिथि पर अपनी सेना के साथ बारात लेकर चला। लेकिन वह अमोढ़ा पहुंचता , इसके पहले ही जगत सिंह और उनकी सेना ने उसका रास्ता रोक लिया। जगत सिंह ने डोम राजा को युद्ध में पराजित कर दिया। वह मारा गया। इसके बाद जगत सिहं अमोढ़ा पहुंचे। अमोढ़ा के पंडित जी ने जगत सिंह को गले से लगाते हुए उन्हें अपना जनेऊ पहना दिया और कहा-आज से आप मेरे वारिस हैं। आप अमोढ़ा के भी शासक हैं। अब आप कायस्थ नहीं ब्राह्मण हैं। इसके बाद से जगत सिहं सुल्तानपुर और अमोढ़ा दोनों रियासतों के स्वामी हो गए। पांडे जी के वचन के अनुरूप उन्होंने खुद को उनका उत्तराधिकारी मानते हुए मांस-मदिरा का सेवन छोड़ दिया। उनके वंशज अमोढ़ा के पांडे कायस्थ कहे जाने लगे, जिनके खानदान में यह कहा जाता था कि यदि कोई शराब और मांस का सेवन करेगा तो वह कोढी हो जाएगा। जब बच्चन जी ने मधुशाला लिखी तो लोग समझते थे कि वह भयंकर दारूबाज होंगे। लेकिन बच्चन जी कभी शराब को हाथ भी नहीं लगाते थे। अंत में उन्होंने मधुशाला की भूमिका में यह लिख कर स्पष्ट किय कि वह शराब नहीं पीते हैं। उनके खानदान में शराब और मांस का सेवन वर्जित है, क्योंकि वह अमोढ़ा के पांडे कायस्थ हैं और उनके खानदान में यह मान्यता है कि वे लोग शराब और मांस का सेवन करेंगे तो कोढ़ी हो जाएंगे। आप खुद मधुशाला में लिखी बच्चन जी की यह टिप्पणी देख सकते हैं। साथ ही राय जगत सिंह वाली घटना की पुष्टि सुल्तानपुर गजेटियर से कर सकते हैं।
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11 टिप्पणियां:
आपने तो बहुत ही खोजपरक आलेख लिखा है और यह बातें आज ही आप द्वारा मालुम हुई हैं. बहुत आभार आपका.
रामराम.
त्रिपाठी जी, पिछले कुछ समय से मुझे ये एहसास हुआ है की हिन्दी पत्रकारिता मैं भी काफी अच्छा लिखा जा रहा है | और हिंदी ब्लॉग जगत को देख कर तो मैं गद-गद हो गया, फूले नहीं समां रहा हूँ हिन्दी मैं इतना अच्छा लिखा देख कर | इश्वर आप सब हिन्दी प्रेमियों को हर सुबह नई उर्जा दें और आप सब इसी तल्लीनता से हिन्दी को आगे बढ़ते रहें |
काश ऐसा कुछ हिन्दी टी.वी. न्यूज़ चेनल, मनोरंजन चैनल पे भी होता !
यह जानकारी तो बिलकुल नयी है. सुनने में पहले भी आया था मगर तब विशवास नहीं हुआ खासकर बिग-बी के नाम से जुड़े इतने स्केन्दल्स के कारण.
सर ये तो झक्कास खोज वाली खबर डाली है आपने. मुझे लगता है की इससे कम्प्लीट करने के लिए इसे भी डाल देते..............
मैं कायस्थ कुलोदभव मेरे
पुरखो ने इतना ढाला
मेरे तन के लोहू में है
पचहतर प्रतिशत हाला
पुश्तैनी अधिकार मुझे है
मदिरालय के आँगन पर
मेरे दादा परदादों के
हाथ बिकी थी मधुशाला
अच्छी जानकारी दी।
शुक्रिया!
sir ji apna mob. no. dijiyega . aap se bat karni hai sudhir singh india today 09454337444
sir ji apna mob. no. dijiyega . aap se bat karni hai sudhir singh india today 09454337444
abe apndito ki kabhi riyasat nahi thi bheekhmange sale ,,
हम लोगों का परिवार भी पांडे कायस्थ है. मेरे दादा जी पांडेय तपेश नारायम सिन्हा बिहार के मटुकपुर के जमिंदार थे. मगर हमारे पास जिस डोम राजा का जिक्र है वो रुहेलखंड का था. आगे पूरी कहानी पोस्ट करूंगा. डोम राजा पंडित जी की बेटी को लेकर चला गया था. जब कायस्थ राजा ने पंडित जी की बेटी को बचाया उसके बात किसी पंडित ने उस लड़की से शादी नहीं की क्योंकि उसे एक डोम ने छू दिया था. राजा को पंडित जी ने अपनी बेटी से शादी करने को कहा. लड़की 18-19 साल की थी और राजा 47, 48 के. राजा ने अपने 17 - 18 साल के बेटे से पंडित जी की लड़की की शादी करवाई. तब उस इलाके के पंडितोेंं ने पांडे की टायटल दी र तब से उस वंश के कायस्थ नाम के आगे पांडेय लगाते हैं. उनमें से एक के बेटे मटुकमन पांडे थे जिन्होंने बिहार के आरा के पास आकर मटुकपुर गांव बसाया. उन्हें मुगलों ने जागिरदारी दी जिसे 1807 में लॉर्ड कॉर्नवालिस ने जमिंदारी मं बदल दिया. मेरा पास इस पर काफी लंबा चौड़ा और इंट्रेस्टिंग इतिहास है. मैें आपको भेजूंगा. जन्होंने पांडेय वंश की शुरुआत की वो रुहैलखंड में खजांची थे. वहां के राजा को मुसलमान शासकों ने मार डाला तब उन्हें खजांची से राजा बना दिया गया. मुसलमान आक्रमण के कारण ही वहां के कायस्थ इलाहाबाद, गोरखपुर से लेकर बिहार के आरा और आगे तक बस गए.
मैं निखिल श्रीवास्तव अमोड़ा के पास दीवाकरपुर बस्ती का रहने वाला हूं मेरे बाबा ने भी इस तरीके की कहानी बताई थी लेकिन उसका कोई प्रमाण नहीं है मेरे पास चुकी मै भी अमोडा राजवंश का वंस हूं मैं भी इतिहास जानने का प्रयास कर रहा हूं कृप्या कोई जानकारी हो तो मुझे भी अवगत कराये मो 8795942029ये मेरा मोबाईल नंब र है आप मुझसे संपर्क कर सकते हैं बस्ती में ही रहता हूं
आपका मोबाइल नंबर मिल सकता है निखिल श्रीवास्तव अमोदा के पास का ही रहने वाला हूं और आपके ही वंश का हूं
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